ज़ी एंटरटेनमेंट और पुनीत गोयनका पर सेबी की कड़ी कार्रवाई
भारतीय बाजार नियामक, सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने 2 जनवरी को ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) और इसके प्रबंध निदेशक व सीईओ पुनीत गोयनका द्वारा दाखिल की गई सेटलमेंट याचिकाओं को खारिज कर दिया। इसके साथ ही, इस मामले को आगे की जांच के लिए भेजने का आदेश दिया गया है।
मामले की पृष्ठभूमि
सेबी ने पहले ज़ी, इसके संस्थापक और पूर्व चेयरमैन सुभाष चंद्रा, और पुनीत गोयनका को जुलाई 2022 में नोटिस जारी किया था। इन पर सेबी के विभिन्न नियमों के उल्लंघन के आरोप लगाए गए थे। हालांकि, ताजा आदेश में सेबी ने इन नोटिसों को विस्तृत जांच का हिस्सा बनाने का निर्णय लिया है।
आदेश में कहा गया, "6 जुलाई, 2022 को जारी शो कॉज नोटिस और संबंधित दस्तावेजों को अब इस मामले की विस्तृत जांच रिपोर्ट का अभिन्न हिस्सा माना जाएगा।"
सेटलमेंट याचिकाएं खारिज
ज़ी और गोयनका ने सेबी द्वारा शुरू की गई कार्यवाही को निपटाने के लिए याचिकाएं दाखिल की थीं। लेकिन, सेबी के Whole Time Members के एक पैनल ने इन याचिकाओं को खारिज कर दिया। इसके अलावा, उन्होंने इस मामले को आगे की जांच के लिए रेफर कर दिया।
सेबी के आदेश में उल्लेख किया गया, "जांच पूरी होने के बाद, सक्षम प्राधिकरण ने इस मामले में नोटिसधारकों के खिलाफ SEBI Act 1992 की धारा 11B के तहत कार्यवाही शुरू करने का निर्णय लिया है।"
जांच और नेतृत्व में बदलाव
सेबी ने अक्टूबर 2021 में पराग बसु को इस मामले के लिए एडजुडीकेटिंग ऑफिसर (AO) नियुक्त किया था। हालांकि, दिसंबर 2024 में यह मामला अमित कपूर को सौंप दिया गया।
ज़ी के शेयरों पर असर
सेबी की इस कार्रवाई के बाद ज़ी एंटरटेनमेंट के शेयरों में मामूली वृद्धि दर्ज की गई। बीएसई पर ज़ी का शेयर 123.95 रुपये पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव से 0.73% अधिक था।
हालांकि, पिछले 12 महीनों में ज़ी के शेयर लगभग 60% तक गिर चुके हैं। खासकर, सोनी के साथ हुए विलय सौदे के रद्द होने के बाद से शेयरों में गिरावट जारी है।
आगे का रास्ता
सेबी द्वारा की जा रही विस्तृत जांच में अब यह देखा जाएगा कि क्या ज़ी और इसके प्रमुख अधिकारियों ने सेबी के नियमों का उल्लंघन किया है। साथ ही, इस बात पर भी ध्यान दिया जाएगा कि क्या इस मामले में और अधिक कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है।
ज़ी और सोनी विलय का असर
सेबी की कार्रवाई और सोनी के साथ विलय सौदे के रद्द होने से ज़ी के व्यवसाय और निवेशकों के विश्वास पर गहरा असर पड़ा है।
सेबी की धारा 11B का क्या मतलब है?
सेबी की धारा 11B नियामक को ऐसे व्यक्तियों और संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार देती है, जो निवेशकों के हितों के खिलाफ काम करते हैं। इस धारा के तहत, सेबी नोटिसधारकों को निर्देश देने या उनके खिलाफ प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी कर सकता है।
सवाल जो उठते हैं:
- क्या सेबी की जांच ज़ी और इसके प्रमुख अधिकारियों के खिलाफ गंभीर उल्लंघनों का खुलासा करेगी?
- क्या इस मामले से ज़ी के शेयरों में और गिरावट आएगी?
- क्या सेबी की कार्रवाई का अन्य कंपनियों पर भी प्रभाव पड़ेगा?
निष्कर्ष
सेबी की इस कार्रवाई ने ज़ी और पुनीत गोयनका के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं। आगे की जांच से यह तय होगा कि क्या कंपनी और इसके अधिकारी किसी गंभीर कानूनी कार्रवाई का सामना करेंगे।